बहुलीकरण ( Polymer )

बहुलीकरण ( Polymer )

   बहुलीकरण ( Polymer )


1. बहुलीकरण से आप क्या समझते है ? तथा योगात्मक बहुलीकरण एवं संघनन बहुलीकरण लिखे |                   

ANS :-  बहुलीकरण (polymerasation):-  जब दो या दो से अधिक एकलक के समान या असमान छोटे-छोटे                      अणु  परस्पर संयोग कर एक बड़े एवं वृहद अणु का निर्माण करते है, बहुलक कहलाता है,एवं यह घटना                बहुलीकरण कहलाता है। जैसेः-पोलीथीन इथीलिन का बहुलक है।

बहुलीकरण दो प्रकार के होते हैं।ः- 

  • योगात्मक बहुलीकरण (Additation polymerasation):-  जब एक या एक से अधिक एक- ही प्रकार (समान) के एकलक छोटे-छोटे इकाईयाँ परस्पर संयोगकर एक बड़े एवं बृहद भणु का निर्माण करते है, योगात्मक बहुलक कहलातें है और यह घटना योगात्मक बहुलीकरण कहालाता है । जैसे :- पालीथीन का निर्माण टेफलॉन का निर्माण ,पालीविनाइरल क्लोराइड का निर्माण
  • संघनन बहुलीकरण (condensatation polymerastion):-  जब दो या दो से अधिक असमान एकलक के छोटे- छोटे इकाईयाँ परस्पर संयोगकर एक बड़े एवं वृहद अणु का निर्माण करते है, संघनन बहुलक कहलाता है और यह घटना संघनन बहुलीकरण कहलाता है। इसमे छोटे-छोटे-अणु ( )बाहर निकल जाते है। जैसे :-नायलान.6,6,   टेरीलीन,    बेकेलाइट   प्लास्तिक etc.

2. पॉलीथीन क्या है?                                                                                        

ANS :- जब इथीन (ethene )  को उच्च ताप एवं दाब उचित उत्प्रेरक की उपस्थिति मे बहुलीकरण की क्रिया                      कराई  जाती है तो पॉलीथीन प्राप्त होता है।

3.   पालीस्टाइरीन क्या है?

ANS :- जब स्टाइरीन को बेंजोइल परआक्साइड उत्प्रेरक की उपस्थिती में बहुलीकरण क्रिया कराया जाता है तो               पालीस्टाइरीन का निर्माण होता है।

4.   एक्रीलोनाइट्राइल या (PAN) या ओरलोन क्या है?

ANS :- जब एक्रीलोनाइट्राइल को परआक्साइड उत्प्रेरक को उपसिथति में बहुलीकरण की क्रिया  कराया जाता है              तो एक्रीलोनाइट्राइल (PAN) प्राप्त होता है इसे ओरलोन भी कहा जाता है।

5.    पाली मोनो क्लोरो ट्राइ फ्लुओरो एथीन (PCTFE) :  जब मोनो क्लोरो ट्राइफ्लुओरो एथीन आक्सीजन की                      उपस्थिती बहुलीकरण क्रिया कराया जाता है तो पाली मोनो क्लोरो ट्राइफ्लुओरो एथीन प्राप्त होता है। जिसे               PCTFE भी कहा जाता है।

6.   नायलान-6,6 :- जब हेक्सा मेथिलीन डाई एमीन को उच्च दाब एवं 553K ताप पर एडिपीक अम्ल के साथ                  संघनन  बहुलीकरण  की क्रिया कराया जाता है। तो नायलॉन -6,6 प्राप्त होता है।

7.   टेरीलीन (डेक्रान)ः- जब इथीलिन ग्लाइकोल को टैप्पथैलिक के साथ संघनन बहुलीकरण कराया जाता है तो          टेरिलीन प्राप्त है जिसे डेका्रन भी कहा जाता है|

8.    ग्लिप्टलः- जब इथिलीन ग्लाइकोल को थैलिक अम्ल के साथ उच्च ताप एवं दाब पर संघनन बहुलीकरण की               क्रिया कराया जाता है तो ग्लिप्टल प्राप्त है।

9.   प्राकृतिक रबर (natural rubber):-  

    ANS :-    प्ररकृतिक रबर आइसाप्रीन का बहुलक होता है। जिसे एक विषेश प्रकार पौधे के दूध से प्राप्त किया              जाता है। इस दूधको लैक्टेस  कहा जाता है। प्राप्त दूध को जल घोलकर तनु बनाया जाता है। जिससे कि                 अषुद्धिय अलग किया जा सके। पुनः विलयन छानकर अलग कर लिया जाता है। उसके बाद छनित विलयन            ऐसिटीक (CH3-COOH)  को मिश्रित किया जाता है जिसके जलस्वरूप स्कंदित होकर द्रव रबर अवक्षेपित              हो  जाता है। 

10.   संष्लेशित रबर (synthetic rubber):  वैसे रबर जिसे कृत्रित तरिको से प्रयोगषाला गर्म करके बनाया जाता है           संष्लेशित रबर कहलाता है जैसे पालिथीन 

          यह रबर दो प्रकार के होते है। :- ब्यूना S  रबर , ब्यूना N रबर 

  •     ब्यूना S रबर :. जब  Byta -1,3-di-ene  को स्टाइरीन के साथ सोडियम उत्प्रेरक की उपश्थिती में                           बहुलीकरण की क्रिया कराई जाती है तो ब्यूना S रबर प्राप्त है।

  •   ब्यूना  N रबर :-  जब Buta -1,3-diene को एक्रिलोनाइट्राइल के साथ परआक्साइड उत्प्रेरक की उपस्थिती में  बहुलीकरण क्रिया कराया जाता है तो  ब्यूना  N रबर प्राप्त होता है।                                                                                                                              

                                  THANK YOU 🙏 


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